अमित शाह ने विपक्ष पर लगाया अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में बनाए रखने का आरोप

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर 2025। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के पास एसआईआर का विरोध करने का कोई उचित कारण नहीं है और उनका विरोध असल में अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में बनाए रखने से जुड़ा है। शाह ने कहा कि केंद्र की नीति घुसपैठियों को खोजने, उनकी पहचान कर मतदाता सूची से हटाने और देश से बाहर निकालने की है, जबकि विपक्ष इसके विपरीत उन्हें मान्यता देकर मतदाता सूची में शामिल करने का पक्षधर है।

शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष एसआईआर को लेकर जनता को गुमराह कर रहा है और पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान और निर्वाचन आयोग के दायित्व के तहत ही एसआईआर का काम किया जा रहा है। इसमें मृतक मतदाता और अवैध विदेशी नागरिकों के नाम हटाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार मतदाता सूची में त्रुटियों की बात कर रहे हैं, जबकि एसआईआर इन्हीं गड़बड़ियों को दूर करने की प्रक्रिया है।

गृह मंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार मतदाता बनने की सबसे पहली शर्त यह है कि व्यक्ति भारत का नागरिक हो। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई भी देश का लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह सकता, यदि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह घुसपैठियों द्वारा तय किया जाए। शाह ने कहा कि विदेशी नागरिकों को मतदान का अधिकार नहीं दिया जा सकता और जनसांख्यिकी में बदलाव देश के लिए बड़ा खतरा है।

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने कई सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ रोकने के लिए बाड़बंदी और सीमा सुरक्षा का कार्य पूरा कर लिया है, केवल पश्चिम बंगाल में स्थानीय सरकार इसे रोक रही है। शाह ने तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि घुसपैठियों को बचाएगी तो भाजपा की जीत तय है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने चुनाव में महान फैसला दिया है और बंगाल भी यही करने जा रहा है।

शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह एसआईआर पर चार महीने से झूठ फैला रहा है और जनता को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची और ईवीएम कांग्रेस की हार का कारण नहीं हैं, बल्कि नेतृत्व की कमी है। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वोट चोरी का मुद्दा लेकर उन्होंने बिहार में यात्रा की, लेकिन हार गए। शाह ने कहा कि भाजपा कई चुनाव हार गई, लेकिन कभी निर्वाचन आयोग पर सवाल नहीं उठाया।

गृह मंत्री ने 2023 के कानून का हवाला देते हुए बताया कि इसमें चुनाव आयुक्तों को दंड की शक्ति और सीसीटीवी फुटेज 45 दिन बाद हटाने का प्रावधान शामिल है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया अब पारदर्शी हो गई है, जिसमें प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और एक केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनके समय में चयन प्रक्रिया पूरी तरह पक्षपाती थी।

अमित शाह के इस भाषण के दौरान विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार देश में अवैध घुसपैठियों को कतई सहन नहीं करेगी और मतदाता सूची का शुद्धीकरण जारी रहेगा।

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