अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह की पुण्यतिथि पर ‘पीडीए सरकार’ बनाने का लिया संकल्प, कहा– 90 फीसदी समाज के हक की होगी लड़ाई

लखनऊ, 10 अक्टूबर — समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने पिता और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उत्तर प्रदेश में ‘पीडीए सरकार’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि सपा का लक्ष्य सामाजिक न्याय की स्थापना और संविधान की रक्षा करते हुए 90 प्रतिशत वंचित, शोषित वर्ग के लोगों को सम्मान और समान अवसर दिलाना है।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स ’ पर एक पोस्ट के जरिए मुलायम सिंह यादव को शत्-शत् नमन करते हुए लिखा, “हम संकल्प लेते हैं कि ‘पीडीए सरकार’ बनाकर अपने हक और सम्मान की स्थापना करके रहेंगे। संविधान ही हमारी संजीवनी है, संविधान ही हमारी ढाल है।”

उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी आरक्षण समाप्त करने के षड्यंत्र करने वालों को हर हाल में पराजित करेगी और “न्याय के राज” से आगे बढ़कर “सामाजिक न्याय के राज” की स्थापना करेगी। अखिलेश का यह बयान राज्य में बढ़ती सामाजिक असमानता और बहुजन समाज को दरकिनार करने के आरोपों के संदर्भ में अहम माना जा रहा है।

सपा प्रमुख ने समाज के हर पीड़ित, शोषित, वंचित, दमित, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी, किसान, मजदूर, महिलाओं और युवाओं को “पीड़ा के एक सूत्र” में बांधने की बात करते हुए कहा कि वे इन वर्गों को समान अवसर और सम्मान दिलाने के लिए हर मोर्चे पर लड़ेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग पीडीए वर्ग से होने के बावजूद निजी स्वार्थ के लिए उसी व्यवस्था का साथ दे रहे हैं जो इस वर्ग का शोषण करती है। “ऐसे लोगों की धोखेबाजी को सामने लाकर बेनकाब किया जाएगा,” अखिलेश ने कहा।

अखिलेश ने यह भी कहा कि समाज में जो लोग मानवता, समानता और न्याय के सिद्धांतों में विश्वास रखते हैं, वे सपा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। “संपर्क, संवाद और सहयोग” के सिद्धांत पर चलते हुए समाजवादी पार्टी सभी उत्पीड़ित वर्गों की आवाज बनेगी।

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव, जिन्हें ‘नेताजी’ के नाम से जाना जाता है, तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके थे। उनका निधन 10 अक्टूबर 2022 को 82 वर्ष की आयु में हुआ था। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर यह संकल्प अखिलेश यादव द्वारा अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की एक मजबूत रणनीतिक घोषणा मानी जा रही है।

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