अखिलेश यादव का सवाल — “जब परीक्षा ही नहीं करा सकता, तो उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को भंग क्यों नहीं किया जाता?”

लखनऊ, 30 सितंबर  — उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) द्वारा प्रवक्ता भर्ती परीक्षा स्थगित किए जाने पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आयोग की कार्यप्रणाली पर कड़ा सवाल उठाया। उन्होंने मांग की कि जब आयोग समय पर परीक्षाएं आयोजित नहीं कर पा रहा, तो उसे भंग क्यों नहीं किया जाना चाहिए।

प्रवक्ता भर्ती परीक्षा फिर टली, कारण ‘अपरिहार्य’

मंगलवार को आयोग की ओर से जारी एक आधिकारिक पत्र में सूचित किया गया कि 15 और 16 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रवक्ता (शिक्षा विभाग) की लिखित परीक्षा ‘अपरिहार्य कारणों’ से स्थगित कर दी गई है। पत्र में नई तिथि की सूचना अलग से देने की बात कही गई, लेकिन स्थगन के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया गया।

अखिलेश यादव का हमला: ‘कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है’

अखिलेश यादव ने इस पत्र को अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा करते हुए कहा:

“उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग जब परीक्षा ही नहीं करवा पाता तो इसे भंग क्यों नहीं कर दिया जाता?”

उन्होंने आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए तंज कसा,

“ऐसे ‘अपरिहार्य कारण’ क्या हो सकते हैं, जिन्हें बताया ही नहीं जा सकता? पारदर्शिता ही ईमानदारी को सुनिश्चित करती है और व्यवस्था में विश्वास को भी। कुछ तो है जिसकी पर्दा-दारी है।”

लगातार स्थगित हो रही हैं परीक्षाएं

गौरतलब है कि आयोग द्वारा पहले भी विभिन्न परीक्षाएं या तो स्थगित की जा चुकी हैं या फिर निर्धारित समय पर संपन्न नहीं हो सकी हैं। इससे न केवल अभ्यर्थियों में निराशा फैली है, बल्कि शासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

अभ्यर्थी भी नाराज़, सोशल मीडिया पर भड़के

परीक्षा स्थगित होने की खबर आते ही हजारों अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की। कई छात्रों ने इसे सरकार की “नौकरी विरोधी” मानसिकता बताया और कहा कि उन्हें हर बार परीक्षा की तैयारी के बाद निराशा ही हाथ लगती है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *