अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट बहाल, सरकार ने पल्ला झाड़ा, सपा ने लगाया ‘अघोषित आपातकाल’ का आरोप

लखनऊ, 11 अक्टूबर  — समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शनिवार को बहाल कर दिया गया। इस अकाउंट के निलंबन को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में दिनभर चर्चा रही।

सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव का फेसबुक पेज शुक्रवार शाम लगभग छह बजे बिना किसी पूर्व सूचना के निलंबित कर दिया गया था। इस पेज पर उनके 80 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, और वह इसे सरकार की नीतियों की आलोचना करने, विचार साझा करने तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं।

फेसबुक अकाउंट के निलंबन को लेकर सपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया कि “भाजपा सरकार ने अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है।” वहीं सपा सांसद राजीव राय ने इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताते हुए कहा कि “यह कृत्य निंदनीय है और यदि यह सत्ता पक्ष के इशारे पर हुआ है तो यह कायरता का प्रतीक है।”

हालांकि, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। वैष्णव ने कहा, “अखिलेश यादव के अकाउंट से एक अपमानजनक पोस्ट किया गया था और फेसबुक ने अपनी नीति के अनुसार स्वतः कार्रवाई की।”

शनिवार सुबह अकाउंट बहाल होने के बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “संपूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे उत्पीड़ित व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।”

सपा प्रवक्ता दीपक रंजन ने पुष्टि की कि अकाउंट अब बहाल हो चुका है। हालांकि, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “मुख्य सवाल यह है कि निलंबन के पीछे कौन था? यह लोकतांत्रिक विचारों को दबाने और सच्चाई को अवरुद्ध करने का प्रयास है।”

इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में सोशल मीडिया की भूमिका, सरकारी हस्तक्षेप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर नई बहस छेड़ दी है। हालांकि फेसबुक की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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