उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने देहरादून विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली/देहरादून, 21 नवंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड में कुछ साल पहले हुए कथित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में देहरादून के डीआईटी विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है। यह कदम धन शोधन की जांच के दायरे को बढ़ाने के तहत उठाया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के फर्जी दाखिले के माध्यम से छात्रवृत्ति की करोड़ों रुपये की राशि हड़पने से जुड़ा है। ईडी के देहरादून कार्यालय ने बुधवार को विश्वविद्यालय के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुज अग्रवाल को नोटिस भेजा है, जिसमें 10 दिनों के भीतर संस्थान की संबद्धता और कार्यप्रणाली से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया है।

विश्वविद्यालय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह विभाग की ओर से मांगे गए सभी दस्तावेज और सूचनाएं निर्धारित समय-सीमा के भीतर विधिवत रूप से उपलब्ध कराएगा। अधिकारियों के अनुसार, यह नोटिस धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया है और यह 2010-17 के बीच कथित तौर पर हुई छात्रवृत्ति धोखाधड़ी से संबंधित है। इस घोटाले के कारण जरूरतमंद छात्रों को उनकी पात्रता के बावजूद छात्रवृत्ति नहीं मिली।

डीआईटी विश्वविद्यालय ने बताया कि उसने 2020 में उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को सभी आवश्यक दस्तावेज सौंप दिए थे और एसआईटी ने रिकॉर्ड में कोई अनियमितता या गैर-अनुपालन नहीं पाया।

ईडी इस कथित घोटाले की जांच में उत्तराखंड के अन्य शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका की भी समीक्षा कर रहा है और अतीत में संबंधित संस्थानों की संपत्ति जब्त भी कर चुका है।

इस कदम से यह स्पष्ट है कि ईडी छात्रों की हितों की सुरक्षा और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित संस्थानों की गतिविधियों पर सख्ती से नजर रख रही है।

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