लखनऊ, 27 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि भारत के पर्व और त्योहार केवल धार्मिक आयोजन नहीं हैं, बल्कि वे देश की प्राचीन विरासत, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित गोमती तट पर आयोजित भव्य छठ पूजा समारोह को संबोधित कर रहे थे।

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में योगी ने कहा, “पर्व और त्योहार केवल आयोजन नहीं हैं, ये हमारी सामाजिक एकता, आध्यात्मिक उन्नयन और भारत की प्राचीन परंपराओं के जीवंत प्रतीक हैं।” उन्होंने कहा कि भोजपुरी समाज आज दुनिया के हर कोने में छठ महापर्व की आस्था से जुड़ा है और यह पर्व आत्मशुद्धि, लोककल्याण तथा सामाजिक सौहार्द का संदेश देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पूजा जैसी परंपराएं भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को दर्शाती हैं। उन्होंने बताया कि अब यह महापर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश से आगे बढ़कर पश्चिमी क्षेत्रों तक फैल चुका है। “गाजियाबाद और नोएडा में भी आज पचास हजार से लेकर एक लाख तक श्रद्धालु छठ मना रहे हैं। यह भारत की सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण है,” उन्होंने कहा।
योगी ने बताया कि सरकार गोमती नदी को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “लखनऊ का कोई ड्रेनेज या सीवर गोमती में नहीं गिरेगा। पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती निर्मल और अविरल बने, यही हमारा लक्ष्य है।”

मुख्यमंत्री ने छठ मैया से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए भोजपुरी में कहा, “छठ मईया के कृपा सबके ऊपर बनल रहे, सभन लोगन के परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली रहे।”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने छठ गीतों का आनंद लिया और ‘भोजपुरिया सनेश’ स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से संवाद और समाज में आपसी सद्भाव सिखाता है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ की महापौर सुषमा खरकवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। योगी ने कहा कि जब नागरिक अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों से जुड़ते हैं, तभी कोई देश वास्तविक रूप से विकसित हो सकता है।
