दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती, सरकार ने बढ़ाए निगरानी और नियंत्रण के कदम

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सरकार और प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। राजधानी में खराब होती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्माण स्थलों पर नियमों के पालन, खुले में कचरा जलाने पर रोक और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर सीधा असर पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर पानी का छिड़काव, एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल और धूल नियंत्रण के उपाय तेज कर दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है।

दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन को अपनाएं। स्कूलों और कॉलेजों को भी स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी समाधान के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय, हरित क्षेत्र बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना जरूरी है।

प्रदूषण को लेकर बढ़ती चिंता के बीच नागरिकों की भागीदारी को भी अहम माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि जब तक आम लोग सहयोग नहीं करेंगे, तब तक प्रदूषण पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल है। राजधानी को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

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