जयपुर, 27 दिसंबर । राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अरावली पर्वतमाला को राज्य की अमूल्य प्राकृतिक धरोहर बताते हुए कहा है कि इसकी रक्षा और संरक्षण के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अरावली क्षेत्र में किसी भी प्रकार के नए खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शनिवार को वन एवं पर्यावरण तथा खान विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अरावली के प्राकृतिक स्वरूप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अरावली क्षेत्र के जिलों में वन एवं पर्यावरण, खान और पुलिस विभागों के संयुक्त अभियान चलाने को कहा, ताकि अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने पर जोर दिया।
शर्मा ने बताया कि अरावली क्षेत्र में नए खनन पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी निर्देश जारी किए गए हैं। ये निर्देश पूरे अरावली भू-भाग पर समान रूप से लागू होंगे, जिससे पर्वत श्रृंखला के प्राकृतिक स्वरूप की रक्षा की जा सकेगी और अनियमित व अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खनन पट्टों के मामले में उच्चतम न्यायालय और केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के साथ-साथ सभी पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कर रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि अरावली पर्वतमाला को हरित और समृद्ध बनाने के उद्देश्य से 250 करोड़ रुपये की ‘हरित अरावली विकास परियोजना’ तैयार की गई है। इस परियोजना के तहत अरावली क्षेत्र के जिलों में 32 हजार हेक्टेयर भूमि पर सघन वृक्षारोपण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अरावली को पर्यावरणीय संतुलन और जल सुरक्षा के मजबूत आधार के रूप में संरक्षित करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह प्राकृतिक धरोहर सुरक्षित रह सके।
