एसआईआर के बहाने वोट डालने का अधिकार छीन रही है भाजपा सरकार : अखिलेश यादव

लखनऊ, 29 नवंबर : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए शनिवार को दावा किया कि सरकार मतदाता सूची के एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के बहाने वोट डालने का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
यादव ने एसआईआर अभियान के दौरान ड्यूटीरत एक बीएलओ की कथित तौर पर मस्तिष्काघात से मौत के बाद उसके परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के बाद सपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
यादव ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाते हुए कहा, ”ये (एसआईआर) सोची समझी साजिश है, रणनीति है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के दिये हुए संविधान के तहत हमें जो वोट डालने का अधिकार है, उस अधिकार को छीनने की तैयारी है।”
उन्­होंने कहा, ”ये (केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग) एसआईआर के बहाने वोट डालने का अधिकार छीन रहे हैं। आरक्षण, आपकी पहचान छीनेंगे और आपके ऊपर उल्टे सीधे दबाव बनाएंगे।”
सपा प्रमुख ने 21 नवंबर को मस्तिष्काघात से मृत बीएलओ विजय कुमार वर्मा का जिक्र करते हुए ये गंभीर आरोप लगाए। यादव ने कहा कि सरकार के लोग इस बात का दबाव बना रहे हैं कि वह (बीएलओ) ड्यूटी में ही नहीं थे और पहले से ही बीमार थे।
बीएलओ वर्मा के परिजनों ने मीडिया के सामने कहा कि ” वे (वर्मा) शिक्षा मित्र थे, उनकी ड्यूटी बीएलओ में लगाई गई थी। उन्हें मस्तिष्काघात हुआ 14 तारीख को और उस दिन वह काम पर गये थे। रात में 11 बजे बैठकर अपना काम कर रहे थे, तभी कुर्सी से गिरे और हम लोग उन्हें अस्पताल ले गये, जहां चिकित्सकों ने बताया कि मस्तिष्काघात हुआ है।”
मृतक की पत्नी संगीता ने आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि ”एक अधिकारी ने कहा कि वह पहले से कार्यमुक्त थे, जब 14 तारीख को कार्य किया तो कार्यमुक्त कैसे हो गये। प्रशासन की तरफ से कोई मदद भी नहीं मिली और झूठा आरोप लगा रहे हैं।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय, लखनऊ में बीएलओ विजय वर्मा के परिवार से भेंट की और उन्हें दो लाख रूपये की आर्थिक मदद दी।
उन्होंने सरकार से मृतक के परिवार को एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग की।
सपा मुख्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार अखिलेश यादव के सामने मृतक विजय वर्मा की पत्नी संगीता फूट-फूट कर रोने लगी। उनके साथ उनका 20 वर्षीय बेटा हर्षित भी था। विजय वर्मा प्राथमिक विद्यालय सरांवा, मलिहाबाद, लखनऊ में शिक्षामित्र थे और उनकी ड्यूटी बीएलओ के तौर पर बूथ संख्या 181 टिकरी खुर्द पर थी। 14 नवंबर की रात को उन्हें मस्तिष्काघात हुआ और 21 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई।
यादव ने परिजनों को दो लाख रुपये का चेक सौंपते हुए कहा कि ”अभी इस परिवार को पार्टी की तरफ से दो लाख रुपये दे रहे हैं। हमारी मांग है कि एक करोड़ रुपये इस परिवार को मदद की जाए और सरकारी नौकरी के अलावा तमाम सरकारी योजनाओं से इन्­हें जोड़ा जाए।”
सपा प्रमुख ने बीएलओ के परिवार के बयान का जिक्र करते हुए कहा, ”ड्यूटी पर रहने के दौरान बीएलओ की मौत हुई, लेकिन अधिकारी दबाव बनाते हैं और यह साजिश रची जा रही है कि वह ड्यूटी पर नहीं थे। जिस स्कूल में वह शिक्षा मित्र थे, उस पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि वे पहले से बीमार थे।”
यादव ने कहा कि ”सपा की पहले दिन से मांग है कि पहले तो इस तरह काम का दबाव न बनाया जाए, क्योंकि यह बहुत जिम्मेदारी और सावधानी का काम है और बहुत संवेदनशील कार्य है। एक बार फॉर्म खारिज हो गया और वोट आपका नहीं बना तो पूरे कागजात के साथ घूमना पड़ेगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ”यह एसआईआर है, आखिर भाजपा इतनी जल्दबाजी में क्यों है। निर्वाचन आयोग और भाजपा मिले हुए हैं और दोनों जल्दबाजी कर रहे हैं।”
सपा प्रमुख ने सवाल करते हुए कहा, ”पहले भी मैं यह बात कह चुका हूं कि उत्तर प्रदेश में लगातार शादियां हो रही हैं और शादियों के समय में लोगों को एक-दूसरे के यहां आना जाना, तैयारी करना होता और सब व्यस्त हैं। इतने कम समय में पूरे प्रदेश का एसआईआर कराने की क्­या आवश्­यकता है।”
उन्­होंने व्यवस्था पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कि ”यहां तक कि जिम्मेदारी नगर पालिका के सफाईकर्मियों को भी दी गई है। फॉर्म में इतनी तकनीकी बातें हैं और बीएलओ का सहायक सफाई कर्मचारी को बनाया गया है। और इस फॉर्म को बंटवाने में की जाने वाली जल्दबाजी, बंटा नहीं बंटा लेकिन जो सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि सभी फॉर्म बांटे जा चुके हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।”
हाल के कफ सिरप घोटाले पर एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि ”यह जमाना केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का नहीं है, यह जमाना बुल्­डोजर का है। बुल्­डोजर कब चलेगा, बुल्डोजर कहां है, ये दुबई जो भागने का है, कोई पहला मामला नहीं आया है। क्योटो (वाराणसी) प्रधानमंत्री जी के क्षेत्र से आरोपी भाग गया।
यादव ने आरोप लगाया कि कोई लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर भू-माफिया का काम कर रहा था, उसका भी एक पार्टनर दुबई भाग गया।
न्­यूज चैनल पर कफ सिरप घोटाले और घोटालेबाज को जौनपुर के एक पूर्व सांसद के संरक्षण की खबर को भी उन्­होंने सपा कार्यालय में पत्रकारों को दिखाया।
यादव ने कहा कि ”मुख्यमंत्री और उपमुख्­यमंत्री कहते हैं कि 2017 से पहले एक जिला एक माफिया होता था,, उन्हें होश ही नहीं है कि एक्सप्रेसवे बने, उन्हें होश ही नहीं कि रिवर फ्रंट बने, न जाने कितना विकास कार्य हुआ।”
सपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा कि ”अब तो वन डे-वन माफिया है।”
सपा प्रमुख ने कहा कि ”जो लोग कहते हैं कि 2017 से पहले ”एक जिला-एक माफिया” होता था, अब जिला जौनपुर माफिया नंबर वन। सबको पता है, सरकार को भी पता है। सरकार को ये भी पता है कि लोकसभा (चुनाव) में बाबू सिंह कुशवाहा (जौनपुर के सपा सांसद) को हराने के लिए क्या सांठगांठ हो रही थी।”
यादव ने चैनल पर जौनपुर के पूर्व सांसद से संबंधित एक खबर दिखाने पर संवाददाता की सराहना करते हुए उसके सुरक्षा की भी मांग की।
उन्­होंने राज्य सरकार पर एक जाति को संरक्षण और बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।
बाद में सपा प्रमुख ने अपने आधिकारिक ”एक्­स” खाते पर एसआईआर से संबंधित एक न्­यूज चैनल की खबर साझा करते हुए एक पोस्ट में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) से आ’’ान किया, ”पीडीए प्रहरी का मूल मंत्र” – ”गÞलत लोगों पर रखो मुस्तैदी से ‘कड़ी नजÞर और निगरानी। वोट बनवाने में करो मदद, न हो किसी को कोई परेशानी।”

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