एसआईआर के जरिये लोकतंत्र को ‘एकतंत्र’ में बदलने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है : दिग्विजय सिंह

इंदौर, 26 नवंबर । कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला। संविधान दिवस पर इंदौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर की “पूरी तरह दोषपूर्ण प्रक्रिया” के जरिये लोकतंत्र को “एकतंत्र” में बदलने का प्रयास हो रहा है।

गीता भवन चौराहे पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास आयोजित सभा में दिग्विजय सिंह ने कहा कि एसआईआर की मौजूदा प्रक्रिया में मतदाता सूची से छेड़छाड़ की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा, “भारत के संविधान को लोकतंत्र से एकतंत्र में बदलने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है। हमारी मतदाता सूची से छेड़छाड़ की जा रही है और यह केवल मतदाता सूची तक सीमित नहीं है, बल्कि आपकी नागरिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है।”

दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो चुका है। उन्होंने कहा, “हमें तय करना है कि देश में लोकतंत्र चाहिए या एकतंत्र? एकतंत्र में केवल एक व्यक्ति का शासन चलता है, जैसे हिटलर और मुसोलिनी के दौर में हुआ था, जहां आम लोगों की कोई सुनवाई नहीं होती।”

उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 तक एसआईआर की प्रक्रिया में हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की जिम्मेदारी सरकार और चुनाव आयोग की होती थी, लेकिन अब नागरिकों से ही अपने मतदाता होने का प्रमाण मांगा जा रहा है, जो उनकी दृष्टि में अनुचित है।

दिग्विजय सिंह ने बिहार में एसआईआर के तहत लगभग 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची के मसौदे से हटाए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या ये लोग इस देश के नागरिक नहीं थे? अक्सर घुसपैठियों की बात की जाती है, लेकिन क्या बिहार में एक भी घुसपैठिया मिला?”

सभा के अंत में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान की रक्षा का संकल्प दिलाया। इस मौके पर पार्टी के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा भी मौजूद रहे।

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