राहुल गांधी का आरोप: मोदी सरकार के पास जाति जनगणना की ठोस योजना नहीं, बहुजनों के साथ विश्वासघात

नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार के पास जाति जनगणना को लेकर कोई ठोस रूपरेखा और समयबद्ध योजना नहीं है। उन्होंने इसे देश के बहुजनों के साथ “खुला विश्वासघात” करार दिया।

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा था। उनका जवाब चौंकाने वाला है। न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा और न ही जनता से संवाद। सरकार दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने का प्रयास भी नहीं कर रही।”

राहुल गांधी ने लोकसभा में लिखित प्रश्न में सरकार से पूछा था कि दशकीय जनगणना की तैयारी के प्रमुख कदम क्या हैं, प्रश्नों का प्रारूप कैसे तय होगा, क्या जनता और जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिए जाएंगे, और क्या पिछले अनुभवों पर विचार किया जा रहा है।

सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री नित्यानाथ राय ने जवाब में बताया कि अगली जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास गणना होगी, इसके बाद दूसरे चरण में आबादी की गणना की जाएगी। उन्होंने बताया कि आबादी की गणना फरवरी 2027 में की जाएगी, जिसकी संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि होगी। बर्फीले और दुर्गम क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह गणना सितंबर 2026 में होगी।

राय ने यह भी बताया कि जनगणना का 150 वर्षों से अधिक का इतिहास है और पिछली जनगणनाओं से प्राप्त अनुभवों को ध्यान में रखा जाता है। प्रत्येक जनगणना से पहले संबंधित हितधारकों से सुझाव लिए जाते हैं।

राहुल गांधी के आरोप और सरकार के जवाब ने जाति जनगणना को लेकर राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।

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