प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना 3.0: 43 युवा लेखक चयनित, 19 महिलाएं शामिल

नई दिल्ली, 24 दिसंबर  – युवा लेखकों को उनके लेखन और विचारों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने वाली ‘प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना’ (पीएम-युवा 3.0) के परिणाम बुधवार को घोषित कर दिए गए। इस वर्ष कुल 43 लेखकों का चयन किया गया है, जिनमें 19 महिलाएं शामिल हैं।

योजना राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी-इंडिया) द्वारा शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित की जा रही है। एनबीटी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चयनित लेखकों का राष्ट्रीय शिविर आगामी नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (10-18 जनवरी, 2026) के दौरान आयोजित किया जाएगा।

इस वर्ष चयनित लेखकों की उम्र 30 वर्ष से कम है और उनके पुस्तक प्रस्ताव अखिल भारतीय प्रतियोगिता के माध्यम से चुने गए हैं। प्रस्ताव भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में प्राप्त हुए हैं, जिनमें असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मैथिली, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संताली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं।

विस्तृत भाषायी भागीदारी के कारण यह योजना देशभर में समावेशी साहित्यिक विकास को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है। चयनित लेखकों में 19 महिलाएं और 24 पुरुष शामिल हैं।

चयनित पुस्तक प्रस्तावों को छह माह तक प्रतिष्ठित विद्वानों के मार्गदर्शन में विकसित किया जाएगा। प्रत्येक लेखक को प्रतिमाह 50,000 रुपये की छात्रवृत्ति और प्रकाशित पुस्तक पर आजीवन 10 प्रतिशत रॉयल्टी प्रदान की जाएगी।

पीएम-युवा 3.0 के लिए निर्धारित विषय थे:

राष्ट्र-निर्माण में भारतीय प्रवासी समुदाय का योगदान

भारतीय ज्ञान परंपरा

आधुनिक भारत के निर्माता (1950–2025)

चयनित पांडुलिपियां नॉन-फिक्शन श्रेणी की हैं और इनमें इतिहास, संस्कृति, विज्ञान, दर्शन, शासन व्यवस्था, सामाजिक सुधार और भारत की वैश्विक सहभागिता जैसे विषय शामिल हैं, जो भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य को उजागर करती हैं।

इस योजना का उद्देश्य नई पीढ़ी के लेखकों को तैयार करना और उनके लेखन के माध्यम से भारतीय साहित्य और विचारधारा का देश-विदेश में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है।

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