निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया में भारी त्रुटियां कीं : ममता बनर्जी

कोलकाता, 22 दिसंबर ।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूचियों की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं और इसके बाद प्रकाशित मसौदा मतदाता सूचियों में “भारी त्रुटियां” पाई गई हैं।

यहां नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने एसआईआर की पूरी कवायद को “शुरू से अंत तक त्रुटिपूर्ण” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग राज्य सरकार को सूचित किए बिना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर रहा है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया, “निर्वाचन आयोग केवल भाजपा के निर्देशों पर काम कर रहा है।” उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के गणना चरण में मतदाताओं की मैपिंग में गंभीर गलतियां हुई हैं, जिसके चलते हजारों “सही मतदाताओं” के नाम मसौदा सूचियों से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में असली मतदाताओं की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाएगा।”

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में गणना चरण के बाद जारी मसौदा मतदाता सूचियों से 58,20,899 नाम हटाए गए हैं, जिससे राज्य में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.08 करोड़ रह गई है। इसके अलावा लगभग 1.36 करोड़ नामों को “तार्किक विसंगतियों” के कारण चिह्नित किया गया है, जबकि करीब 30 लाख मतदाताओं को ‘अनमैप्ड’ श्रेणी में रखा गया है। इनमें से कई को अगले 45 दिनों के भीतर सत्यापन सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है।

बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर सुनवाई के लिए सूक्ष्म पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त केंद्रीय अधिकारियों को स्थानीय भाषा का पर्याप्त ज्ञान नहीं है, जिससे वे सत्यापन प्रक्रिया के लिए अयोग्य साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई केंद्रीय एजेंसियों ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति में भूमिका निभाई है और बिना राज्य सरकार की जानकारी के पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी, लेकिन मुझे यह जानने का अधिकार है कि ये लोग कौन हैं, कहां रहते हैं और किस विभाग में काम करते हैं।” उन्होंने निर्वाचन आयोग पर विधानसभा चुनाव से पहले जबरन दो महीने में वह प्रक्रिया पूरी करने का आरोप लगाया, जिसमें सामान्यतः दो साल का समय लगता है।

उन्होंने कहा, “मैंने ऐसा बेशर्म आयोग पहले कभी नहीं देखा और न ही भविष्य में वर्तमान आयोग को दोबारा देखना चाहती हूं।”

दक्षिण कोलकाता के अपने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता नगर निगम के कई वार्डों में हाल ही में परिसीमन हुआ है, जिसके कारण पते बदल गए और इससे एसआईआर सूची में गलत मैपिंग हुई। उन्होंने इसे आयोग की गलती बताते हुए कहा कि इसमें बीएलओ का दोष नहीं है।

ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि मतदाता सूचियों में बाहरी लोगों के नाम जोड़ने की कोशिश की जा रही है और ऐसे मामलों में आपत्ति दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने मतुआ समुदाय और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को भरोसा दिलाया कि उन्हें मताधिकार से वंचित होने की चिंता नहीं करनी चाहिए।

भाजपा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी बंगाल में मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य में पैर जमाने से रोकने का काम केवल जमीनी स्तर के तृणमूल कार्यकर्ता ही कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम पहले बंगाल को भाजपा के चंगुल से बचाएंगे और उसके बाद दिल्ली पर कब्जा करेंगे।”

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