दशहरा रैली रद्द करें, धन का उपयोग बाढ़ राहत के लिए करें : भाजपा ने उद्धव से कहा

मुंबई, 29 सितंबर । महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने सोमवार को मांग की कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली रद्द कर दें और उस पर होने वाले खर्च का इस्तेमाल मराठवाड़ा में बाढ़ राहत के लिए करें। शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी को भाजपा से कोई सलाह लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी दशहरा रैलियां भारी बारिश के बाद आयोजित की गई हैं।
दशहरा रैली ठाकरे और शिवसेना की पुरानी परंपरा रही है। इस साल भी ठाकरे दो अक्टूबर को दशहरा के दिन शिवाजी पार्क में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं।

महाराष्ट्र के कई हिस्से, जिनमें आमतौर पर सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित रहने वाला मराठवाड़ा क्षेत्र भी शामिल है, भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश के कारण आयी बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है।
उपाध्ये ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “मराठवाड़ा गंभीर बाढ़ से जूझ रहा है, लोग अपना सब कुछ खो चुके हैं। (उद्धव) ठाकरे पहले ही पांच जिलों में तीन घंटे का दौरा कर चुके हैं और प्रभावितों की पीड़ा पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। अब कार्रवाई का समय है। उन्हें दशहरा रैली रद्द कर देनी चाहिए और वह राशि बाढ़ पीड़ितों पर खर्च करनी चाहिए। इससे उनकी सहानुभूति को अभिव्यक्ति मिलेगी।”

उपाध्ये ने आरोप लगाया कि जब ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री थे, तो वह “कदम उठाने में विफल रहे और घर पर ही रहे”। उन्होंने कहा कि यह “प्रायश्चित” करने का समय है।
उन्होंने कहा, “यह प्रायश्चित करने का समय है। रैली रद्द करना और धनराशि का उपयोग उधर करना, लोगों के प्रति उनकी सच्ची चिंता को दर्शाएगा।”
उपाध्ये ने ठाकरे की वार्षिक रैली में बोले जाने वाले विषयों की भी आलोचना की और कहा कि अतीत में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के कार्यकाल में यह आयोजन अपनी वैचारिक दशा-दिशा के लिए जाना जाता था।
उन्होंने कहा, “अब, यह (रैली) उसी पटकथा को दोहराने तक ही सीमित हो गयी है जिसमें दूसरों को गद्दार बताने और उनकी पार्टी को चुराने के आरोप लगाये जाते हैं। इस तरह की नाटकबाजी के लिए साधारण कार्यकर्ताओं पर लाखों रुपये का बोझ क्यों डाला जाना चाहिए, जबकि यही विलाप ‘सामना’ (पार्टी मुखपत्र) में रोजाना किया जाता है।”

ठाकरे ने हाल में मराठवाड़ा के पांच जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं।
राउत ने कहा कि किसानों को अभी तक अपेक्षित मदद नहीं मिली है। आज भी किसान सहायता का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता देने की मांग की।
राउत ने कहा, ”मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को किसानों की समस्याओं को केंद्र के सामने बार-बार उठाना चाहिए। इसके लिए उन्हें दिल्ली के खिलाफ विद्रोह करना चाहिए और कहना चाहिए कि (महाराष्ट्र में) किसान मर रहे हैं और उन्हें मदद मिलनी चाहिए। जब ​​तक वह ऐसा नहीं करते, मराठवाड़ा के किसानों को अपेक्षित मदद नहीं मिलेगी।

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