उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का फैसला इस सप्ताहांत हो सकता है तय

लखनऊ, 12 दिसंबर – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलें इस सप्ताहांत समाप्त होने की संभावना है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से रविवार को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी।

भाजपा के प्रदेश निर्वाचन अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि निर्वाचित नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा केंद्रीय चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया की समय-सारिणी और मतदान के लिए अधिकृत 425 प्रदेश परिषद सदस्यों की सूची भी जारी की।

निर्वाचन प्रक्रिया के अनुसार, शनिवार (13 दिसंबर) दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक नामांकन दाखिल होंगे। उसी दिन अपराह्न 3 बजे से 4 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच होगी और शाम 4 बजे से 5 बजे तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होगी। यदि आवश्यक हुआ तो 14 दिसंबर, रविवार को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान होगा और इसी दिन नए अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की घोषणा कर दी जाएगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में भाजपा के अध्यक्ष का चयन आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी महत्व दिया जाएगा।

कई नामों को लेकर अटकलें चल रही हैं। इनमें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महराजगंज संसदीय क्षेत्र से सातवीं बार सांसद पंकज चौधरी का नाम सबसे नया और प्रमुख माना जा रहा है। कुर्मी जाति से आने वाले चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भरोसेमंद नेता माना जाता है। ओबीसी वर्ग में कुर्मी बिरादरी का उत्तर प्रदेश में विशेष प्रभाव है और हाल के चुनावों में इस बिरादरी ने सपा के प्रति झुकाव दिखाया।

इसके अलावा जल शक्ति मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद, मछुआरा (निषाद) समाज से पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद के नाम भी चर्चित हैं। ब्राह्मण समुदाय से उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, विजय बहादुर पाठक और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी के नाम सामने आ रहे हैं। दलित नेताओं में पूर्व महामंत्री विद्यासागर सोनकर, पूर्व सांसद जुगल किशोर और विनोद सोनकर को भी दौड़ में शामिल माना जा रहा है।

भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी ने कहा कि ‘‘सारी अटकलें तब तक बेकार हैं जब तक नामांकन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। पार्टी की कोशिश होगी कि प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध हो, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी पर दबाव नहीं बनाया जाएगा।’’

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